पंचांगों के पांच अंग : तिथी , वार, नक्षत्र, योग, और करण ये मिलके पंचांग की निर्मिती होती है|
नक्षत्रों की संख्या कुल २७ होती है| परंतु इन नक्षत्रों में जातक का जन्म होने के कारण दोष लगता है|
इन स्थितियों में शांती पूजा विधी आवश्यक होती है|