दु:ख – शोक आदि दूर करनेवाला यह व्रत सब स्थानों पर विजयी करनेवाला है| भक्ति और श्रद्धा के साथ किसी भी दिन मनुष्य श्री सत्यनारायण भगवान की संध्या के समय ब्राम्हणों और बन्धुओं के साथ धर्मपरायण होकर पूजा करे|
जो मनुष्य इस परम दुर्लभ व्रत को करेगा श्री सत्यनारायण भगवान की कृपा से उसे धन – धान्य की प्राप्ति होगी| निर्धन धनी और बन्दी बन्धन से मुक्त होकर निर्भय हो जाता है|संतानहीन को संतान प्राप्त होती है तथा सब मनोरथ पूर्ण होकर अंत में वह बैकुण्ठ धाम को जाता है|